Sunday, November 15, 2009

हिन्दोंस्तान हमारा

ताउम्र जो करते रहे छिनारा
आज साफ़ गोई से कस गये किनारा
चार चार फ़्रिज घर में है धरे
जल को डुडे कभी गगरी कभी इनारा
इस देश की तासीर है सबसे अलग
नकल करते रहे इग्लिश्तान की
पहन के पैजामा नाडे वाला
चिल्ला रहे हिन्दोस्तान हमारा
गंगा सूखी पानी गायब
कहां चलेगी नैया
फ़ेंक के पन्नी पाणे बोले
जय हो गंगा मैया
फटक के चन्दन झाड के घोती
जुटे चाकरी भाई
गंगा तो अब सूख चुकी
जमूना की बारी आई.
“““““‘ सारे गुरू हो गये शुरु इंजीनियर का नाम गंगागुरू“““““““‘



Thursday, November 12, 2009

कौडी का कौडा

एक कौडी ज़रा सा खा पी कर मोटायी तो सरकार कोडा चलाने लगी .कौडी का कौडा बनना सरकार को रास नही आया.
मधू कौडा जी मुसीबत मै है ,दया के पात्र है .प्रवर्तन निदेशालय पीछे पडा है ,आय करने वाले अलग से चिपटे है,सब क्वात्रोकी,लालु मुलायम मायावती को भुल कर कोडा जी पर बरस रहे है .
मुझे मालुम है कोडा जी की प्रतिभा ! उनके खा कर मोटा हो जाने से जलते है सब ,नही तो इनसे बडा बिज़नेस कन्सलटेन्ट कोई हो नहि सकता ,कौडा जी आप जैसे ही स्वस्थ हो जाये ,आई बी एम ,डिलाएट जैसी कम्पनियो को अपना कारनामा भेजिये ,आपके पीछे कम्पनिया भागेगी ,वर्ल्ड हाइपेस्ट पेड होगे आप .दुराचारियो ऎवं भ्रष्टाचारियो के लिये आप प्रेरनास्त्रोत है,कितनो ने आप की सलोनी सुरत ह्र्दय मे बसा रखी है .
सुना है कि कोडी दुबरा गयी है और हास्प्टिल मै है ,लालु जी बिहार को बहुत झाडे लेकिन आपने तो झारखन्ड को जो झाडा तो राज्य़ का नाम ही धुल गया.